Asset संपत्ति क्या है [Liabilities, Current, मतलब] | Assets Kya Hota Hai Meaning Definition

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आज के इस युग में हर कोई कुछ न कुछ Assets का मालिक होता है । अब आप सोच रहे होंगे । मेरे पास तो Assets नाम की कोइ भी चीज़ है ही नही । तो हम आपको बता दे, आपके पास भी Assets ! बस यह आपके समझ का फेर है । 

आज के इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएँगे की आखिर Assets क्या होता है ?

तो अगर आप यह पता लगाने की कोशिश कर रहे है की एसेट्स क्या होता है ?  तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े , ताकि आपको यह अच्छे से समझ आ जाये  की आखिर यह Assets क्या होता है ?

साथ में हम Assets के काम और अलग अलग प्रकार के बारे में भी जानेंगे !

Assets क्या होता है (Assets Kya Hota Hai)

Assets का अर्थ होता है, कोई संपत्ति या आसन भाषा में बोले तो कोई भी ऐसी चीज़ जो हम वर्तमान या भविष्य में कमाते है । अगर हम इसके असल अर्थ की बात करे तो – इसे पूंजी, वैभव, संपत्ति, धन और भी कई शब्दों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है ।

अब बात आती है क्या आपके पास भी एसेट्स है ? तो इसका जवाब आप खुद तलाश सकते है ! आपके पास कोई भी ऐसी चीज़, जो आपने खुद से कमाई हो या अर्जित की हो वो आपकी Assets है ।

ये धन के रूप में, जमीन के रूप में, गहने के रूप में, सामानों के रूप में, बैंक बैलेंस के रूप में , वाहनों के रूप में और भी बहुत से रूप में हो सकता है । ऊपर दिए गए ये सारे Assets को Personal assets के श्रेणी में रखा जाता है, जिसका मालिक कोई एक सक्श,कंपनी या संसथान होती है । 

एसेट्स कैसे काम करते है (Assets Ka Working)

Assets लोग इस उम्मीद में जमा करते है ताकि भविष्य में वो उन्हें थोड़े समय या फिर लम्बे समय के लिए लाभ प्रदान करे ।

कोई भी Assets का या तो दाम बढ़ सकता है या घट सकता है । पर यह बात इस एसेट्स के मालिक पर निर्भर करती है । अगर वो एक सक्षम व्यक्ति है तो वो अपने Assets को भविष्य के साथ और कीमती बनाएगा । अब सवाल आता है की आखिर ये Assets कितने प्रकार types के होते है । चलिए जानते है ।

Assets कितने प्रकार के होते है (Types of Assets) 

ऐसे तो Assets के प्रकार बहुत सारे होते है, अगर हम इसे अलग अलग तरीके से निकाले तो । इन्हें आमतौर अलग अलग प्रकार में बाटने के लिए, ये चीज़े देखी जाती है – जैसे की इस assets को कितनी जल्दी कैश में बदला जा सकता है या फिर यह भौतिक रूप से लोगो के पास मौजूद है या नहीं या फिर इसे किस मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाना है । 

और इन सब आधार पर हम आपको Assets  कितने प्रकार के  होते है यह बताएँगे –

  1. करेंट एसेट्स (Current Asset): – इस assets की बात करे तो , यह आसानी से बेचे जा सकते है । इसलिए इसे चल संपत्ति का नाम भी दिया जाता है । यानी की इसे कैश में आसानी से बदला जा सकता है । इसके उदाहरन है – कैश , बांड्स , म्यूच्यूअल फंड्स , स्टॉक्स इत्यादि । तो अगर आपके पास भी इनमे से कोई भी assets है तो समझ लीजिये आप करेंट एसेट्स के मालिक है । 
  2. फिक्स्ड एसेट्स (Fixed) : – इसे अचल सम्पति के नाम से भी जाना जाता है । ये सम्पति लोगों के बीच लम्बे समय के लिए अर्जित रहता है । और इसे कैश में बदलने में एक लम्बा समय लग सकता है । साथ ही साथ , इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती है की यह assests भविष्य में वर्तमान से ज्यादा पैसे में बिकेंगे , ऐसा हो सकता है की इसका मूल्य भविष्य में घट जाए । इसके कुछ प्रमुख उदहारण में भवन, भूमि, फर्नीचर, या प्रकार कि वस्तुएं सामिल है । 
  3. तैन्जिबल एसेट्स (Intangible Assets) : – ये assets रियल प्रॉपर्टी जैसे की रियल स्टेट, मशीनरी, नकदी या फर्नीचर जो भौतिक रूप से किसी व्यक्ति के पास मौजूद हो, उसे कहा जाता है । आपको बता दें की इस श्रेणी में आने वाले ज्यदातर संपत्ति को चल संपत्ति यानि की करेंट एसेट्स भी कहा जाता है ।
  4. इनतैन्जिबल एसेट्स (Intangible Assets) : – ये एसेट्स ऊपर दिए गए एसेट के बिलकुल अपोजिट होते है । ये एसेट्स ऐसी वस्तुएं या सामान हैं जो भौतिक रूप से नहीं बल्कि सैद्धांतिक रूप से मौजूद हैं। इसके कुछ उदाहरणों में परमिट, इन्तलक्चुअल प्रॉपर्टी , पेटेंट, और ट्रेडमार्क शामिल हैं, जिनके सफल उपयोग के माध्यम से उनके मूल्य में वृद्धि की जा सकती  है।
  5. ऑपरेटिंग एसेट्स : – ऑपरेटिंग एसेट ऐसी कोई भी एसेट्स हैं जो दिन-प्रतिदिन के व्यवसाय के माध्यम से लोगों के मुनाफा कम के देती हैं और वर्कफ़्लो को बनाए रखने में मदद करती हैं। ऑपरेटिंग संपत्तियों के कुछ उदाहरण कॉपीराइट, लाइसेंस और मशीनरी हैं।
  6.  नॉन – ऑपरेटिंग एसेट्स : – नॉन – ऑपरेटिंग एसेट्स,  के मालिक बिज़नेसमैन होते है, और ये एसेट्स उन्हें मुनाफा तो कराती हैं लेकिन रोज़मर्रा के कार्यों के लिए आवश्यक नहीं  होती हैं, जैसे कि खाली भूमि या कम समय के लिए किया गया निवेश ।
  7.  

Assets और Liabilities में क्या फर्क है (Difference between Assets and Liabilities)          

जब हम assets की बात करते है तो हमे लाइबिलितिज के बारे में जानना भी बेहद जरुरी हो जाता है । और इसी वजह से हम आपको Assets और Liabilities में क्या फर्क है, यह बताने जा रहे है ।

जैसे की हमने आपको एसेट्स के बारे में ऊपर बताया की, ये ऐसी संपत्ति होती है जो फिजिकल और नॉन फिजिकल दोनों हो सकती है । जो की समय के साथ या तो वैल्यू में बढती है या फिर घटती है । पर इसकी जो भी वैल्यू हो , इसके मालिक पर कोई कर्ज नहीं आता है ।

वही liabilities, का मतलब होता है कर्ज या फिर कानूनी दायित्व, जिसके लिए कोई एक सक्स जिम्मेदार होता है । यह liabilites कई रूप में हो सकती है । जैसे की आप जिस घर या बिल्डिंग में रहते है उस माकन का किराया, जिसे देने के आप भागिदार है या फिर बैंक से लिया जाने वाला कर्ज/loans, हम अक्सर जरुरत के वक़्त अपने नजदीकी बैंक से कर्ज लेते है , जो हमे सही समय पर उन्हें लौटना होता है, और इसलिए यह एक Liability है । 

उम्मीद करते है की आपको इस आर्टिकल से काफी कुछ सिखने को और जानने को मिला होगा और आपको यह समझ आगया होगा की आखिर “Assests क्या होता है ?”

अगर आप हमे सपोर्ट करना चाहते है तो, कृपया इस आर्टिकल को अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों के बीच शेयर करे । 

धन्यवाद !

FAQ

Q. एसेट्स का मतलब क्या होता है?

Ans. एसेट्स का सीधा सा मतलब हमारी संपत्ति है जो हमें लगातार पैसे कमा कर देती रहती है। जैसे- Stock, हमारा व्यवसाय, फसल लगाने वाली जमीन, किराए का मकान etc. 

Q. Assets में क्या क्या आता है?

Ans. Assets में हमारी बहुत सारी संपत्ति आती है जैसे – किराए का मकान, हमारा व्यवसाय, हमारा शेयर, फसल लगाने वाली जमीन, Website, Youtube Channel, Book Etc.

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